केंद्रीय आर्थिक आसूचना ब्यूरो, आर्थिक आसूचना के लिए नोडल एजेंसी है। इसकी स्थापना वित्त मंत्रालय के तहत आर्थिक आसूचना और प्रवर्तन गतिविधियों के समन्वयन और सुदृढ़ीकरण के लिए की गई थी।
कार्य:
(1.) आर्थिक आसूचना परिषद (ईआईसी) के लिए सचिवालय
(2.) विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों (एलईए) के बीच समन्वय
(3.) केंद्र सरकार के स्तर पर कोफेपोसा अधिनियम, 1974 का प्रशासन करता है
(4.) आर्थिक अपराधियों और अपराधों पर डेटाबेस का रखरखाव करता है
(5.) वृहद स्तर की आर्थिक गतिविधियों का अध्ययन और विश्लेषण
(6.) क्षेत्रीय आर्थिक आसूचना परिषदों (आरईआईसी)- जो क्षेत्रीय स्तर पर समन्वय निकाय हैं और इसमें आर्थिक अपराधों से निपटने वाली विभिन्न केंद्रीय और राज्य प्रवर्तन और जांच एजेंसियों के प्रतिनिधि शामिल हैं, के कामकाज का पर्यवेक्षण और निगरानी करता है
(7.) राजस्व विभाग के अधिकारियों/ क्षेत्रीय आर्थिक आसूचना परिषदों (आरईआईसी) की सदस्य एजेंसियों के लिए प्रमुख प्रशिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता है
(8.) राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (एनएससीएस), गृह मंत्रालय और कैबिनेट सचिवालय के बीच सुरक्षा निहितार्थ वाली आसूचना का त्वरित प्रसार सुनिश्चित करना
(9.) निर्धारित अंतराल पर राजस्व सचिव की अध्यक्षता में कार्य समूह की बैठकें आयोजित करता है और प्रत्येक बैठक के बाद ईआईसी के अध्यक्ष को एक रिपोर्ट प्रस्तुत करता है
(10.) आर्थिक अपराधों से संबंधित सभी मुद्दों पर राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालय के लिए एक 'थिंक टैंक' के रूप में कार्य करता है
(11.) ग्लोबल एंट्री प्रोग्राम (जीईपी) के तहत आवेदनों की जांच
(12.) वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) द्वारा दिए गए आदेश के अनुसार, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) को 50 करोड़ रुपये से अधिक की ऋण राशि के लिए संभावित उधारकर्ताओं / गैर-निष्पादक परिसंपत्तियों (एनपीए) पर पूर्ववृत्त रिपोर्ट प्रदान करता है।