महानिदेशक की कलम से

केंद्रीय आर्थिक आसूचना ब्यूरो (सीईआईबी) वित्त मंत्रालय में एक नोडल एजेंसी है जो कानून प्रवर्तन एजेंसियों (एलईए) से जानकारी प्राप्त करती है और आर्थिक अपराध अभिलेखों के केंद्रीय संग्रह के रूप में कार्य करती है। ब्यूरो में प्राप्त जानकारी और सूचना का विश्लेषण किया जाता है और बाद में इसे बहु-एजेंसी निहितार्थ वाले मामलों में अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों (एलईए) के साथ साझा किया जाता है। इस प्रकार, ब्यूरो, सूचना साझा करने और समग्र जांच के लिए एक समन्वय एजेंसी के रूप में कार्य करता है।

केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाली आर्थिक आसूचना परिषद (ईआईसी) अंतर-एजेंसी समन्वय के लिए शीर्ष मंच है। महानिदेशक, केंद्रीय आर्थिक आसूचना ब्यूरो (सीईआईबी), आर्थिक आसूचना परिषद के सदस्य-सचिव हैं। आर्थिक आसूचना परिषद (ईआईसी) का अधिदेश आर्थिक सुरक्षा से संबंधित आसूचना के विभिन्न पहलुओं पर विचार करना और आसूचना का संकलन और संग्रह करने के लिए कार्यनीति विकसित करना तथा चिह्नित की गई उपयोगकर्ता एजेंसियों और विभागों तक इसका प्रसार करना है। आर्थिक आसूचना परिषद (ईआईसी) में 18 सदस्य एजेंसियां शामिल हैं, जो केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी), केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमाशुल्क बोर्ड (सीबीआईसी), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), गृह मंत्रालय (एमएचए), भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी), भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई), आर्थिक कार्य विभाग (डीईए), राजस्व सचिव, कोर्पोरेट मामले विभाग (डीसीए), राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (एनएससीएस), केंद्रीय आर्थिक आसूचना ब्यूरो (सीईआईबी), स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी), राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई), माल एवं सेवा कर आसूचना निदेशालय (डीजीजीआई), विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) और वित्तीय आसूचना एकक- भारत (एफआईयू-आईएनडी) हैं। पांच विशेष आमंत्रित सदस्य हैं, जो विदेश मंत्रालय, अनुसंधान एवं आसूचना स्कंध (रॉ), अन्वेषण ब्यूरो (आईबी), केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) हैं।

आसूचना उपकरण कार्य समूह (डब्ल्यूजीआईए), राजस्व सचिव की अध्यक्षता में एक स्थायी कार्य समूह है, जो आर्थिक आसूचना परिषद (ईआईसी) द्वारा लिए गए निर्णयों की प्रगति की निगरानी करता है, क्षेत्रीय आर्थिक आसूचना परिषदों (आरईआईसी) के कामकाज की निगरानी करता है, वित्तीय आसूचना एकक (एफआईयू) सहित विभिन्न एजेंसियों द्वारा प्रदान की गई सूचना के आधार पर केंद्रीय आर्थिक आसूचना ब्यूरो (सीईआईबी) द्वारा संकलित आसूचना आकलन की जांच करता है तथा राष्ट्रीय और आर्थिक सुरक्षा पर असर डालने वाले मामलों पर राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (एनएससीएस) के साथ उपयुक्त तालमेल सुनिश्चित करता है। आसूचना उपकरण कार्य समूह (डब्ल्यूजीआईए) की अंतिम द्विवार्षिक बैठक मार्च 2023 में हुई थी।

क्षेत्रीय आर्थिक आसूचना परिषद (आरईआईसी) एक अनूठा मंच है जो क्षेत्र में विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों (एलईए) के बीच परिचालन समन्वय सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय और राज्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों (एलईए) को एक साथ लाता है। क्षेत्रीय आर्थिक आसूचना परिषद (आरईआईसी) व्यापार और उद्योग पर आर्थिक आसूचना एकत्रित करते हैं, आर्थिक अपराधों की बदलती प्रवृत्तियों की जांच करते हैं और ऐसे अपराधों से निपटने के लिए उपाय का सुझाव देते हैं। देश में 30 क्षेत्रीय आर्थिक आसूचना परिषद (आरईआईसी) हैं और इनकी अध्यक्षता संयोजक करता है जो मुख्य आयुक्त या महानिदेशक स्तर का अधिकारी होता है। प्रत्येक क्षेत्रीय आर्थिक आसूचना परिषद (आरईआईसी) की द्विमासिक बैठक होती है और आसूचना एकत्र करने और सूचना साझा करने की निगरानी, केंद्रीय आर्थिक आसूचना ब्यूरो (सीईआईबी) द्वारा केंद्रीय स्तर पर की जाती है। क्षेत्रीय आर्थिक आसूचना परिषद (आरईआईसी) फोरम में सीबीडीटी, सीबीआईसी, डीआरआई, डीजीजीआई, ईडी, सीबीआई, आईबी, सीबीआई, कम्पनी रजिस्ट्रार (आरओसी) के स्थानीय प्रमुख, राज्य पुलिस के आर्थिक अपराध स्कंध (ईओडब्ल्यू) और राज्य कर अधिकारियों के नामित अधिकारी शामिल हैं। एजेंसियों से प्राप्त मामलों की जानकारी सीईआईबी और विभिन्न एजेंसियों द्वारा भी फोरम में साझा की जाती है। समन्वित कार्रवाई और अनुभव साझा करने के लिए, सीईआईबी क्षेत्रीय और केंद्रीय स्तरों पर बैठकें आयोजित करता है। क्षेत्रीय आर्थिक आसूचना परिषद (आरईआईसी) संयोजकों का वार्षिक सम्मेलन अगस्त, 2023 में हैदराबाद में आयोजित किया गया था।

एफएटीएफ की 40 में से सिफारिश -2, विशेष रूप से धन-शोधन, आतंकी वित्तपोषण और प्रसार वित्तपोषण के खतरे की जांच करने के उद्देश्य से कानून प्रवर्तन एजेंसियों (एलईए) के बीच अंतर-एजेंसी आदान-प्रदान और समन्वय पर जोर देती है। केंद्रीय आर्थिक आसूचना ब्यूरो (सीईआईबी), आर्थिक अपराधों से संबंधित एक नोडल एजेंसी और आर्थिक अपराधों पर सभी मामलों के केंद्रीय संग्राहक के रूप में कार्य करता है तथा क्षेत्रीय आर्थिक आसूचना परिषद (आरईआईसी) के माध्यम से धन-शोधन रोधी/ आतंकवाद वित्तपोषण का मुकाबला (एएमएल/सीटी) करने की नीतियों और गतिविधियों के विकास और कार्यान्वयन के संबंध में एक-दूसरे के साथ घरेलू स्तर पर जानकारी के आदान-प्रदान के लिए समन्वयक और सुविधा प्रधानकर्ता की प्रभावी भूमिका प्रदान करना चाहता है। पूर्वोक्त लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए क्षेत्रीय आर्थिक आसूचना परिषद (आरईआईसी) फोरम ने न केवल पूर्वोक्त राजस्व वसूली के प्रयोजन से बल्कि आर्थिक अपराधों से व्यापक रूप से निपटने के लिए एक प्रभावी उपकरण के रूप में कार्य किया है।

आर्थिक आसूचना समूह (जीईआई), सदस्य एजेंसियों के बीच आसूचना साझा करने के लिए एक महत्वपूर्ण समन्वय मंच है। इस मंच के माध्यम से साझा की गई सूचनाएं आर्थिक अपराधों, जिनमें विधेय अपराध भी शामिल हैं, से निपटने के लिए समन्वित कार्रवाई हेतु संसाधनों, सूचना और ज्ञान को एकत्रित करने में मदद करती हैं। आर्थिक आसूचना समूहों (जीईआई) का गठन विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के उल्लंघन, व्यापार-आधारित धन-शोधन, ऑनलाइन गेमिंग उद्योग आदि जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर सहभागी एजेंसियों के साथ-साथ सरकार को नीतिगत सूचना और सिफारिशें देने के लिए किया गया है।

केंद्रीय आर्थिक आसूचना ब्यूरो (सीईआईबी) 50 करोड़ रुपये से अधिक के सभी ऋणों के संबंध में उधारकर्ताओं और गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) के लिए बैंकों को पूर्ववर्ती सत्यापन भी प्रदान करता है। वित्त वर्ष 2022-23 में, लगभग 6000 से अधिक ऐसे अनुरोधों पर 40 लाख करोड़ रु. ऋण मूल्य के लिए कार्रवाई की गई। केंद्रीय आर्थिक आसूचना ब्यूरो (सीईआईबी), ग्लोबल एंट्री प्रोग्राम (जीईपी) का भी समन्वय करता है जिसमें आवेदकों के पूर्ववृत्त का सत्यापन वित्त मंत्रालय, आसूचना और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समन्वित किया जाता है। मंजूरी में तेजी लाने के लिए एक ऑनलाइन जीईपी क्लीयरेंस क्लाउड-आधारित प्रणाली विकसित की जा रही है।

केंद्रीय आर्थिक आसूचना ब्यूरो (सीईआईबी) अपने नेशनल इकोनॉमिक इंटेलिजेंस नेटवर्क (एनईआईएन) डेटाबेस में देश भर की कानून प्रवर्तन एजेंसियों (एलईए) से प्राप्त सूचना के आधार पर आर्थिक अपराधियों के डोजियर का एक डेटाबेस रखता है। ब्यूरो अब एक नई प्रौद्योगिकी आधारित राष्ट्रीय आर्थिक अपराध रिकॉर्ड (एनईओआर) एप्लिकेशन की ओर अग्रसर हो रहा है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए, ब्यूरो आर्थिक अपराध रिकॉर्ड और डेटा के सार्वभौमिकरण के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ निरंतर संपर्क में है। ब्यूरो के भीतर व्यावसायिक प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने के लिए डिजिटलीकरण और प्रौद्योगिकी को अपनाने के लिए विभिन्न सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन विकसित किए जा रहे हैं।